Friday, 30 October 2015

Kavita ,Ek kamra tha

      Ek  kamra tha
     Jisme  main rahta tha
     Maa baap ke sang
    Ghar  bara  tha
     Isliye is kami ko
    Pura karne ke liye
    Mehman  bula lete the ham
  
    Fir vikas ka failab aaya
   Vikas us kamre mein nahi sama paaya
   Jo chadar pure privar ke liye bari parti thi
   Us chadar se bare ho gaye
   Hamare har ek ke paaw
   Log jhuth kahte hain
   Kee diwaron mein drarein parti hain
   Hakikat yahi
   Kee jab dararein parti hain
  Tab diwarein  banti hain.

   Pahle ham sab log diwaroin ke bich mein rahte the
   Ab hamare bich mein diwarein aa gayin
   Yah samridhi mijhe pata nahi kahain pahucha gayi
    Pahle main maa baap ke sath rahta tha
    Ab maa baap mere sath rahte hain
    Fir hamne bana liya ek makan
    Ek kamra apne liye
     Ek- ek kamra bachchon  ke liye
    Ek wo chota sa drawingroom
    Un logon ke liye jo mere aage haath jorte the
    Ek wo andar bara sa drawingroom
     Un logon ke liye
    Jinke aage main haath jorta hun
    Pahle main fusfusata tha
   To ghar ke log jaag jaate the
     Main karvat bhi badalta tha
    To ghar ke log so nahi paate the
                     Aur Ab
     Jin dararon ki wajah se diwarein bani thi
    Un diwaron mein bhi dararein par gayi hain
     Ab mein chikhta hun
     To bagal ke kamre se
    Thahake ki aawaj sunayi deti hai
    Aur main sooch nahi paata hun
    Kee meri chikh ki wajah se
    Wahain thahake lag rahe hain
   Yaa un thahakon ki wajah se
    Main chikh raha hun.

   Aadmi pahuch gaya hai chaand tak
   Pahuchna chahta haii mangal tak
   Par nahi pahuch pata sage- bhaayi ke darwaje tak
   Ab hamara pata to ek rahta  hai
   Par  hamein ek dusre ka pata nahi rahta
    Aur aaj main soochta hun
    Jis samridhi  ki unchyi par main baitha hun
    Uske liye maine kitni bari khodi  hain khayiyain
   Ab mujhe apne baap ki beti se jayda
   Apni beti achi lagti hai
    Ab mujhe apne baap ke bete se jayda
   Apna beta acha lagta hai
    Pahle main maa baap ke sath rahta tha
   Ab maa baap mere sath rahte hain
    Ab mera beta bhi kama raha hai
    Kal mujhe uske saath rahna parega
    Aur hakikat yahi hai doston 
   Tamacha mane mara hai
   Tamacha mujhe khana bhi parega.

          
                             (  Sajni ki taraf se)

Sunday, 18 October 2015

न वरात्री का आध्यात्मिक रहस्य

!!!पौराणिक  क था  है  कि  असुरों के  उपद्रव  से देवता  जब  काफ़ी  त्रस्तहो गये  ,तो अपनी रक्षा हेतु शक्ति  की अराधना करने लगे ,फ़लस्वरुप  शक्ति ने दुर्गा रूप में प्रगट होकर असुरों का विध्वंस कर देवताओं के देवत्व की रक्षा की।
तब से अनेक देवियों की पूजा का प्रचलन हिंदू धर्म में प्रचलित हुआ ।आज भी हिंदू समाज में शक्ति के नौ रुपों की नौ दीनो तक पूजा होती है ,जिसे न वरात्री कहते हैं।

     

     पहले दिन  शैलपुत्री  के नाम से देवी दुर्गा पूजी जाती  हैं।वह पर्वतराज हिमालय की पुत्री थी इसलिए पर्वत की पुत्री 'पार्वती  या शैलपुत्री  ' के नाम से शंकर की पत्नी बनी।
        इसका वास्तविक  रहस्य --- दुर्गा  को  शिवाशक्ति कहा जाता है ,हाथ में माला है ,माला परमात्मा की याद का प्रतीक है , जब परमात्मा को याद करेंगे तो जीवन में मुश्किलों से सामना करने का ,निर्णय करने , परखने की ,विस्तार को सार में लाने की अस्त शक्ति प्रप्त होती है, इसलिए दुर्गा को अष्टभुजा दिखाते हैं ,हाथ में बाण है यह   ज्ञान रूपी बाण विकारों का संहार  करता है।इस तरह हम केवल दुर्गा का आह्वाहन  हीनहीँ करते  ,बल्कि दुर्गा समान बनकर दुर्गुणों का संहार भी करते हैं।

         दूसरे दिन की देवी 'ब्रह्मचारिणी  ' हैं , परमात्मा ने जो ज्ञान दिया है ,उससे स्वंय को त था दूसरे को भरपूर ज्ञान देना ही सरस्वती का आह्वाहन करना है।

    तीसरे  दिन 'चंद्रघंटा  '  रूप की पूजा होती है ,पुराणों की मान्यता है कि असुरों के प्रभाव से देवता काफ़ी दीन हीन त था दुखी हो गये ,तो देवी की अराधना  की। प्रसन्न होकर  चंद्रघंटा प्रकट हुई और असुरों का संहार करके देवताओं को संकट से मुक्ति दिलाई।वास्तविक अर्थ  -शीतला अपने शांत स्वभाव से दुसरो को भी शांति का ,शीतलता का अनुभव कराना ही शीतला देवी का आह्वाहन करना है।

          चौथे दिन की देवी कूष्माणडा  नाम से पूँजी जाती हैं। बताया जाता है कि यह देवी खून पीने वाली देवी हैं। इनकी पूजा में प शु बलि का विधान है।वास्तव में अंदर जो भी विकारी स्वभाव व ,संस्कार है उसपर दृढ़ प्रतिज्ञा करके सत्य संकल्प से मुक्ति पाना ,त्याग करना ही काली का आह्वाहन करना है।

          पाँचवे दिन की देवी 'स्कंदमाता  ' हैं। कहते हैं।कि यह ज्ञान देने वाली देवी हैं।इनकी पूजा ब्रह्मा ,विष्णु शंकर समेत यक्ष ,किन्नरों और दैत्यों ने भी की।इनकी पूजा करने से ही मनुष्य ज्ञानी बनता है।

      
     छठे दिन की देवी माँ 'कात्यानी  ' हैं।इनकी पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। यह सर्वकार्यसिद्दि देवी हैं।इसका अर्थ है मायावी विषय विकारोंसे सदा दूर रहना और दूसरों को भी मुक्त करना ही वैष्णव देवी का आह्वाहन करना है।

       सात वें दिन की देवी हैं 'कालरात्री  '।इनका रंग काला है यह ग धे की स वारी करती हैं।सही अर्थों में दुःखमय परिस्थितियों में सदा उमंग उत्साह में रहना ,सबों कोउमंग उत्साह देना ही उमा देवी का आह्वाहन करना है।

       आठवें दिन की शक्ति का नाम है 'महागौरी  '  कहते हैं कि कन्या रूप में यह बिल्कुल काली थीं शंकर से शादीकरने हेतु अपने गौरवर्ण के लिए ब्रह्मा की पूजा की ।तब ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर उन्हें काली से गोरी बना दिया।इसका अर्थ यह है कि स भी को परमात्मा के ज्ञान से परिचित कराके स भी का तीसरा नेत्र खोल उनके जीवन में आध्यात्मिक क्रांति लाना ही मीनाक्षी देवी का आह्वाहन करना है।

              नवरात्रि के नौवीं देवी हैं  'सिद्धिदात्री  '।कहा गया है कि यह वह शक्ति है जो विश्व का कल्याण करती है ,जगत का क ष्ट दूरकर अपने भक्तजनों को मोक्ष प्रदान करती है , जीवन में महान लक्षय धारण करना ही महालक्ष्मी का आह्वाहन करना है।

Wednesday, 14 October 2015

Kids sweater , kids ka sweater ,topi aur moja

Red  wool  -200 gm.
Yellow  wool -  50 gm.
  
   vidhi--- 9 no. ki salayi  per  60  fanda dalkar bunayi karein. Border ke bad graph  daalein. Fir upar ki bunayi sidhi karein.

           Aage  ke dono palle  mein  35-35 fanda daalein. Dono palle mein button patti ke liye border sath mein bunein.

        Baju  ke liye 40- 40 fanda daalein.

Topi  ke liye  aage se bunayi karein. 60  fanda dalkar border bunein. Lambayi puri kar  jora jora bunkar fanda band kar dein.

    
Moja ke liye 36 fanda daalein. Border bunkar fande ko teen bhag mein baant dein.ab bich ke 12fanda ko bunein .8 salayi bunne ke bad dono taraf se fanda uthate hue 6 salayi bune.ab sare fande band kar dein.

Tuesday, 13 October 2015

क्षमा प्रार्थना

     अपराधसहस्त्राणि      क्रियन्तेअहर्निशं   मया  ।
    दासोअयमिति  मां मत्वा  क्षमस्व  परमेश्वरि  ।।

     आवाहनं   न  जानामि   न  जानामि   विसर्जनम्  ।
     पूजां   चैव   न  जानामि  क्षम्यतां   परमेश्वरि ।।

     मन्त्रहीनं   क्रियाहीनं   भक्तिहीनं  सुरेश्वरि   ।
    यत्पूजितं    मया देवी   परिपूर्णं    तदस्तु  मे  ।।

     अपराधशतं  कृत्वा  जगदम्बेति   चोच्चरेत्   ।
      यां  गतिं   सम वाप्रनोति न तां ब्राह्मादयः सुरा ।।

     सापराधोअस्मि शरणं  प्राप्तस्त्वां   जगदम्बिके  ।
     इदानीमनुकम्प्योअहं  यथेच्छसि  त्था कुरु ।।

    
     अज्ञानाद्विस्मृतेभ्रार्न्त्या   यन्न्यूनमधिकं कृतम् ।
    तत्सर्वं  क्षम्यतां देवी प्रसीद  परमेश्वरि  ।।

      कामेश्वरि  जगन्मातः  सच्चिदानंद्विग्रहे  ।
     गृहाणार्चा मिमां  प्रीत्या  प्रसीद परमेश्वरि  ।।

     गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं  गृहाणास्मत्कृतं  जपम् ।
    सिद्धिर्भवतु  मे  देवी त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि ।।

Tuesday, 22 September 2015

Boys sweater

Vidhi-----
          200 gm light blue wool
          25-25 gm red and black wool
         
10 no. Ki salayi par 70 fanda daalkar border bun lein. Ab  9 no. ki salayi lagakar aage ki bunayi karein. Aage. ke  palle mein graph daalein.  piche  ke palle mein aur baanh mein linning daalein.

Sunday, 13 September 2015

Crochet wall hanging

Crochet woolen. Wall Hanging.
    Alag alag flower banakar usko eksath jor lein. Fir use ek had board par chipka dein .

Thursday, 10 September 2015

Kids ka juta, moja, hand made woolen juta for kids.

Vidhi-----
        32  fanda  ikhra daalkar. 8 salayi bunein niche se kholkar jora 

      bunkar dubble kar lein doori  daalne ke liye .Ab  5 fanda sidha bunne ke bad jaali banayein jisse fanda badhega fir 9 fanda sidha bunkar ek jora lein aage fanda kar jaali banayein aage  fanda kar jora bunein ,9 fanda sidha bunkar fir jaali banayein .Is a karte hue 5jaali banayein . agal bagal fanda chorkar   sirf bich ke 21 fande lekar 5 aur jaali banayein .ab  side se fanda uthate hue dono taraf se 6 salayi sidha bunein.Har sidha salayi mein bichwala jaali mein teen ka ek karein aur dono side jora. bunein. Saare fande band kar dein aur juta sil lein.

Wednesday, 2 September 2015

Postadana ka halwa , krishna ji ka bhog prasad

  सामग्री    -   पोस्तादाना    -  200  ग्राम
                       चीनी    --   100  ग्राम 
                       देसी  घी   -  100 ग्राम
 
  विधि   -
               पोस्तादाना    को   पहले   धो  लें।  फ़िर  उसमे  थोड़ा  पानी  डालकर   दो  घंटे  भीगो  दें।  उसके  बाद  पोस्तादाना   को  मिक्सी  में  बारीक  पीस लें।
                 अब  गैस  प र  कड़ाही   चढ़ाऐं   । गरम  होने   पर उसमें  घी  डालें।  घी   के   पिघलने पर  उसमें  पीसा  हुआ  पोस्तादाना  डालकर  धीमी  आँच  पर  भुने ।  जब  भुनते  हुए  कड़ाही  घी  छोड़ने  लगे   तब   उसमें  चीनी  और   एक  कप  पानी  डालकर  पकाऐं।  भुनते हुए  पूरा  पानी  सुखा  दें । हल वा  तैयार  है  अब  आँच बंद  कर  दें।  चाहें  तो  उसमें   बादाम,  काजू  और किशमिश  भी डाल सकते हैं।

Tuesday, 1 September 2015

Krishnji ki aarti, kanha ji ki aarti, mai aarti teri gaaun wo keshav kunj bihari

     मैं   आरती   तेरी गाऊँ  वो केश व  कुंज   बिहारी  -2
     मैं    नितनित  शीश  न वाऊँ   वो    मोहन  कृष्ण  मूरा री -2
     मैं  आरती   तेरी   गाऊँ   वो केश व कुंज  बिहारी
      ,
    है   तेरी   छवि  अनोखी   ऐसी   ना  दूजी  देखी   -  2
    तुझ सा  ना  सुंदर   कोई   वो   मोर  मुकुट  धार  -2
     मैं   आरती   तेरी  गाऊँ  वो   केशव  कुंज   बिहारी
     मैं   नितनित शीश  नवाऊँ    वो  मोहन  कृष्ण  मुरारी

     
   जो   आए  शरण तिहारी   बिपदा   मिट  जाए   सारी   -2
    हम  सब  पर  कृपा   रखना   वो जगत  के  पालन   हारी
    मैं   आरती   तेरी  गाऊँ   वो केशव     कुंज    बिहारी
    मैं   नितनित   शीश  नवाऊँ  वो मोहन  कृष्ण मुरारी
                         ................................
    
 

Kanha ji ka bhajan, sri radhe govinda man bhajle hari ka payara nam hai

     श्री   राधे    गोविंदा   , मन भजले  हरि  का  प्यारा  ना म  है ।
     गोपाला  हरि   का   प्यारा   नाम  है ,  नंदलाला हरि का  प्यारा नाम  है।
    श्री  राधे गोविंदा   ............

    मोर    मुकुट  सर  गल बन माला   केसर  तिलक  लगाए
    केसर  तिलक   लगाए
     वृन्दावन   की  कुंज   गलीन  में  सब  को  नाच  नचाए  ।
     ओहह  सबको  नाच  नचाए
     श्री   राधे ..............

    
   गिर धर   नागर   कहती मीरा  सूर को  श्यामल     भाया
    सुर  को शयामल  भाया
     तुकाराम   और  नामदेव  ने  विठठल  विठठल    गाया
     ओहह   विठठल  विठठल  गाया
      श्री   राधे गोविंदा  .............

     राधा   शक्ति    बिना  ना   कोई 
      श्यामल  दर्शन   पाए
       आराधन  कर  राधे  राधे   काहना  भागे  आए
      ओहह   काहना    भागे आए
      श्री   राधे गोविंदा ..............

       श्याम    सलोना     कुंज   बिहारी  नट्वर   लीलाधारी
       नट वर   लीलाधारी
       अन्तर्वासी     हरिअविनाशी    लागे   शरण    तिहारी 
       ओहह  लागे  शरण   तिहारी
      श्री   राधे  गोविंदा .........
    

Thursday, 27 August 2015

Devi vandana , Jài jai bhairavi asur bhayauni

   जय जय भैरवी असुर भयाऊनि
   पशुपति भामीनि माया।
   सहज सुमति वर दिअओ गोसाऊनि
   अनुगति    गति तुअ  पाया
  जय जय………

1) वासर  रैनि सवासन शोभित
     चरण चन्द्र मणि चूड़ा
     कतओ दैत मारी मुख मेलल
     कतओ उगिल कैल कूड़ा
     जय जय………………

2) सां वर वरण  नयन अनुरंजित
    जलद जोग फ़ूल कोका
   कट कट विकट ओठ पुट पाँवरि
   लिघुर फ़ेन उठ फ़ोका
   जय जय ……………

3)  घन घन घनन घुँघरु कत बाजय
      हन हन कर तुअ काता
    विद्यापति कवि तुअ पद सेवक
   पुत्र विसरु  जनि माता
   जय जय ………………

Monday, 17 August 2015

Mirabaayi ka bhajan, Matwaro baadal chhayo re

         मत वारो   बादल  छा  यो  रे --2
       हरि  के  संदेशो  अबहुँ न लायो  रे 
       हरि   के   संदेशो  न  लायो   रे
       संदेशो   न  लायो  
      मत वारो   बादल  छायो  रे 

   1)  दादुर   मोर  पपीहा   बोले-   2
         कोयल    शब्द  सुनायो  रे
      रैन   अँधियारी    बिजुरी  चमके  -2
     बिरहिन अति दु:ख  पायो  रे  बदर वा
     हरि  के  संदेशो  न लायो  रे
      संदेशो  न   लायो
       मत वारो   बादल  छायो  रे    -----

    2) बाजे  -बाजे  प वन  मधुरिया -2
        मेहा   अति  झरिआयो   रे
       मीरा  के  प्रभु   गिर धर  नागर  -2
      हरि  के  चरण  चित  लायो  रे   बदर वा
      हरि   के  संदेशो  न लायो  रे
      संदेशो   न  लायो 
     मत वारो   बादल   छायो  रे  --------

मीरा बाई का भजन , घिरी आई रे बदरिया सावन की

               घिरी आई रे बदरिया सावन की--2
               सावन  की मन भावन  की
              घिरी आई -----
          
    1)      सावन  में  उमग्यो  मेरो  मनबा   -2
              भनक  सुनी   हरि  आवन  की
              घिरी  आई ----------

     2)       नान्हीं  - नान्हीं  बुँदिया   मेघा  बरसे -2
                 शीतल  प वन   सुहावन  की
                 घिरी  आई --------

       3)       मीरा   के  प्रभु   गिर धर  नागर  -2
                  आनंद  मंगल  गावन  की 
                 घिरी   आई ---------

Friday, 31 July 2015

Bhole baba ka bhajan ,Kaashi nagri se aaya hai bhola sankar

लेके गौरा जी को संग हरि गुण गाते हुए
का शी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके……………

हाथ में त्रिशूल लिए भस्म रमाए
झोली गले में डाले गोकुल में आए
पहुँचे नंदा जी के द्वार भोले बोले बारम्बार काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके…………………

नंदी पर सवार होके डमरु बजाते
चले आ रहें हैं भोले हरि गुण गाते
गले में सर्पों के माल ओढ़े ऊपर से मृगछाल
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके……………………

अंदर से यशोदा बोली जाओ जाओ जाओ
भिक्षा तो ले लो पर चले जाओ
डर जाएगा मेरा लाल देखेगा सर्पों का माल
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके………………………

बाहर से बोले बाबा सुनो महारानी
तेरे लला से मेरी प्रीत है पुरानी
मुखड़ा दिखला दो एकबार देखूं कैसा है सुकुमार
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके……………………

अरे सोता है कन्हैया मेरा मैं ना जगाऊँ
तेरी बातों में बाबा हरगिज ना आऊँ
देगा कोई जादूकर मेरा छोटा सा सुकुमार
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके………………………

इतना तो सुनके बाबा हँसे खिलखिलाए
बोले बाबा जी अतना डमरु बजाके
जाके देखो एकबार मोहन आने को तैयार
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके …………………

इतने में आ गये मोहन वंशी बजाते
इन्द्र ब्रह्मा भी जिनका पार ना पाते
वो है वन व्रजवासी अविचल अविनाशी
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके ……………………

____________________________________
[लेके पहला पहला प्यार भरके आँखों में खुमार जादू नगरी से आया है कोई जादूगर]__इस गाने के तर्ज पर यह भजन गाना है।

Tuesday, 28 July 2015

Sawan geet ( kajri)

सावन  के  आयल महिनवा हो
     सखि  गाव  कजरिया
गाव  कजरिया  गाव कजरिया गाव कजरिया
कजरा लगयलस गगनवा हो
    सखि गाव कजरिया
सावन………………

निहुरी निहुरी करे धान के रोपनिया-2ँ
खेतवा के राजा कहे हमही के रनिया -2
केहि धरतीया रतनवा हो
सखि गाव कजरिया-2
सावन………………

दिन भर के थकल मरल घर जब आयल-2
रु ठल पिया के जियरवा रिझायल -2
सेजिया अगौरी नयनवा हो
सखि गाव कजरिया-2
सावन……………

Monday, 27 July 2015

Shiv bhajan

काले  के शिव  के मनाएब हो
शिव   मानत  नाही -  2
 
1)  पुरी   कचौरी  शिव  के मनहु ना भावे -2
  भाँग  धतुरा कहाँ  पायब हो
  शिव मानत नाही
काले के शिव के मनाएब हो…………

2)  आजन बाजन शिव के मनहु ना भावे-2
   डमरु  के डम डम कहाँ पायब हो
शिव  मानत नाही
काले के शिव के मनाएब हो……………

3)  पीत पीताम्बर शिव के  मनहु  ना भावे-2
बाघ  के छाला कहाँ पायब हो
शिव मानत नाही
काले के शिव के मनाएब हो……………

4)   घोड़ा    और  गाड़ी  शिव के मनहु ना भावे -2
  बसहा बैल   कहाँ पायब हो
शिव  मानत नाही
काले के  शिव के मनाएब हो……………

5)   फ़ूलों  के   माला    शिव के मनहु ना भावे

  सर्पों  के  माल    कहाँ   पायब  हो  

शिव  मानत  नाही

  काले  के  शिव  के  मनाएब  हो……………

  

Friday, 24 July 2015

Bed Sheet

  Cotton dubble bed sheet  per kadhyi karne ke liye  ek dubble bed sheet le lein.  Usper carbon  rakhker  design  chaap lein .Anchor  dhaga  se kadhyi shuru  karein. Peacock banane ke liye blue,  firogi, yellow ,  green  aur black colour  lena hai. Peacock banane ke bad charo corner per flower design chaapker bana lein.

Thursday, 2 July 2015

Kadhayi- for beginners

Samagri  - niddle, carbon, kadhyi ka dhaga, kadhyiwala frame.

Agar aap new beginner  hain to

sabse pahle  cloth  per  carbon rakh   ker design  chap lein. Next cloth per frame  lagaker  stich shuru  karein.
     Photo  ke anusar    flower  ko long and short stich se,  leaf ko saton stich se aur  danthal ko  chain stich se banayein.
   Chain  stich  banane  ke liye  niddle  mein  dhaga  daalein .  Niddle  ko  cloth  mein dalker upar nikalein aur  usper aage  se  dhaga  dalker  bahar nikalein. Banane ke liye photo dekhein.

Monday, 29 June 2015

Girls bandi

White  wool  250gm.
Red, Green  -25-25gm.
 
Vidhi  -- piche  ka  palla  ke  liye  85  fanda  dalker  10 no.  ki  salayi  se border  banayein. Next  9 no.  ki  salayi  lagaker  design  dalte hue  aage  ki  bunayi  karein.
    Aage  ka  palla  45-45  fanda  dalker  do  bhag  mein  bune. Dono palle  mein  6 fande  ka  border banate  jayein. Gale  ki  gol ghatayi karein.  Fir  kandha  jorker  gale  aur  baanh  ka  border bune. Side  sil dein.

Aplic ka bed sheet

Dubble bed sheet--1
Pillo cover--2
Black cotton cloth-- 2 meter

Vidhi-  Black  colour  ke cloth  ko  pahle  paani mein    2  ghante  duba  ker saf  ker  lein.Sukha ker  press ker  lein.  Fir usper  design  chaap  lein.
Bed  sheet per  us design ko charo  taraf  se  stitch  ker  lein.  Design  ke pass  se  caichi  se  dhire  dhire  katte  hue  swi  se  stitch  karte jayein.isi  tarah  puri bed sheet taiyaar  ker  lein.

     Pillo cover  bhi  isi  tarah  banayein.

Saturday, 20 June 2015

Quiz

Q1)-There  is  a  relationship  between  a  character in the Narsimbha Avatar episode and a character in the Vaman Avatar episode. Can you identify it ?

Ans-  Emperor Bali who is a grandson of the child denotes Prahlad.

Q2)-We  all know Vishnu's chakra is named Sudarsana. How  many  serrated edges does it  have?

Ans-  108

Q3)-  What  was  the original name of Bhishma, a key character  in Mahabharata?

Ans-Devavrata.

Q4)- Who was Shikhandi in Mahabharata?

Ans-  In a previous  birth  Shikhandi  was a woman named Amba.She was the eldest daughter of  the king of Kashi. Along with her sisters,Ambika and Ambalika, she was taken  by force by Bhishma from their svayamvar. He  presented  them  to Satyavati for  marriage to Vichitravirya, the king of Hastinapura. But Amba refused to marry him, since she was in love with the prince of Salva.She took a vow to kill Bhishma and immolated herself.
She was born as Shikhandi and was
instrumental in defeating Bhishma  in the Mahabharata battle.

Q5)- Who was the guru of Bhishma in the Mahabharata?

Ans)-Lord  Parasurama.

Q6)-We all know Arjuna's bow is named Gandipa. Does Krishna have a bow? If so what is it's name?

Ans)-Lord  Krishna has also a bow. It is called Sarnga.

Q7)- Who  is Lopamudra?

Ans)- Lopamudra is the wife of sage Agastya. She is one among the top 12 devi upasakas.

Q8)- Sri Devi  Mahatmya has 700 verses and hence it is called Saptasati.  There is another famous religious book, which also has 700 verses. What is it?

Ans)- Srimad  Bhagavad Gita.

Q9)- The Mahabharata battle was fought for 18 days. For how many days was the battle between Ram and Ravan  fought?

Ans)- 12 days.

Q10)- What is the name of the kingdom that  Kansa ruled?

Ans)- Mathura.

Q11)- Who is Hanuman's guru?

Ans)- The Sun.

Q12)- Who  cursed Hanuman that he would not remember his own abilities?

Ans)- Hanuman mischievous in his childhood   teased sages meditating in the forests. They cursed that he would not know his ability unless reminded by somebody else.

Q13)-  Who reminded Hanuman about his abilities? When?

Ans)-  Jambant.  Just before  Hanuman started his search for Sita.

Q14)-  What did baby Hanuman try to swallow as a fruit?

Ans)- The Sun.

Q15)- What gift did Hanuman receive during Rama's coronation?

Ans)- Sita's necklace.

Q16)-  In which kand of the Ramayana did Hanuman meet Sri Ram for the first time?

Ans)- Kishkinda kand.

Tuesday, 2 June 2015

Boys sweater

Samagri
  wool   black  250  gm.
   wool   white  50 gm.
size   -  8  to  10  years boys ke  liye.
  Vidhi----
       Piche  ka palla-            11  no ki  salayi  se  90  fanda  dalkar  teen inch  ka  border  bune. Next   9no. ki  salayi  lagaker  pura  sidha  ulta  bune.

Aage  ka  palla----     Piche  ke saman  iska bhi  border  bune  .Next  9 no.  ki  salayi  lagaker  white wool lagaker  graph   banana   suru  karein.Lambayi  puri  ker  baaju  aur  gale  ki   ghatayi  karein.

Baaju   ke liye  50  fande  ka border bune  fir  ek  saath  10  fanda  badha  dein. Fir  her forth  salayi  mein dono  taraf  ek  ek  fanda badhate   jaayein.
Ant  mein  gale  ka  border uthaker bun   lein aur  sweater   ki silayi  ker  lein.

Thursday, 28 May 2015

SUGRIVA A GREAT WARRIOR

Ramayan  ke    Sugriva  ne  Ram  ki  sahayata  ki  thi  Ravan  ke  changul  se  unki  patni  Sita  ko  aazad   karane  mein.  Ek  baar  Vali  mayavi  asur  ke  saath  gufa  ke  andar  ladayee  kar   raha  tha  aur  Sugriva  jo  ki  gufa  ke  baahar  darbaaje  per  tha  ye  soch  kar  gufa  ko  band  kar  diya  tha  ki  Vali  mar  gaya  hai. Vali  aisi  ghatna  se  Sugriva  ko   apna  dushman  samajhne  laga  aur  wah  Sugriva  ko  apne  rajya  se  bahar  kar  diya.
                      Vanbas  ke  dauran  Sugriva  ne  Ram  ko  apna  mitra  banaya  aur  vada  kiya ki  Sita  ko  Ravan  se  churbane  mein  madad  karega.  Jab  Vali  aur  Sugriva  mein  ladayi  chal  rahi  thi   usi  samay  Ram  ne  nyaya  ke  liye  Vali  par  vaan  chala  diya  jisse  Vali  ki  mirtyu  ho  gayi  .  Lakshman  ne  Sugriva  ko  Kishkinta  ka  raja  banaya.Lekin   Sugriva  raja  banane  ke  baad  apna  vaada  jo  ki  Ram  ko  diya  tha  wah  bhul  gaya  aur  apna  jivan  khushi  se  byatit  karane  laga.  Lakshman  naaraj  ho  gaye  aur  Sugriva  ko  vaada  todne  ke  liye  chetabani  diye  aur  bole  ki  iske  liye  tumhe  kada  dand  milega.  Sugriva  ne  apni  galti  mahsus  ki  aur  wah  Ram  aur  Lakshman  ke  pair  pakad  liya  to  Lakshman  ne  maaf  ker  diya  .
                       
                      Sugriva  ne  apna  vishwashi  salahkar  Hanuman  ko  Sita  ki  khoj  mein  bheja.  Hanuman  ne  Lanka  ke  Ashokvan  mein  Sita  ko  paya  aur  usne  Ram  ki  anguthi  Sita  ko  diya  aur  Sita  ka  Sudamani  jo  ki  maathe  par  pahana  jata  hai  use  Ram  ko  lakar  diya  .  Sugriva  ne  saare  vanar  sena  ko  eekatha  kiya  aur  wah  Lanka  ki  taraf  kuch  kar  gaya  Ram  ki  aguyayee  mein.  Sugriva  ke  netritva  mein  samudra  mein  pool  banaya  gaya  Lanka  pahunchane  ke  liye.Sugriva  ne  aham  role  nibhiya  aur  Ram  ki  madad  ki  Ravan  ke  upar  vijay  prapt  karne  mein. Sita  ko  Ram  ke   changul  se  chhudane  ke  baad  Ram  Ayodhya  iaute  jahan  unka  rajyavishek  kiya   gaya  wahan  Sugriva   apni  patni   aur  Vali  ke  putra  Angad  ke   saath  shamil huye   aur   apana   baddapnn  dikhaye.  Sugriva  hamesha  se  Ram  ke  param  bhakt  ki  tarah  rahe.  Sugriva  ne  apne  bhayee  ke  putra  Angad  ko  Kishkinda  ka  raja  banaya   aur  apne  bhayee   ke  prati  loyaity  dikhayee.

Monday, 18 May 2015

RAVAN ,WHO IS RAVAN

RAVAN   Lanka  ke  raja  the.  Ravan  daitya   desh  ke  raja  mahan  sant  VISHRAVA  aur  unki  patni  KAIKESI    ke  putra  the.Janam  se  hi  Ravan  adha  Brahmin   aur  adha  Rakshasas  the  isliye  wo   adha  achha   aur  adha  rakshasa   the.Wah  Brahma  ke  pota  the  isliye  sari  vidya  wo  unhi  se   sikhe  the.  We  Bhagwan  SHIVA  ke   param  bhakta  the  aur  veena  bhi   bahut  acha  bajate  the.

           Ramayana  ke  anusar  ,  vanbas  ke  dauran   Sita  jo  Bhagwan  Ram  ki  patni  thi  unka  apharan  kar  liye  the.  Kyonki  Ram  aur  Lakshman  ne  milkar  Ravan  ki  bahan  Surpnakha  ka  naak  kaat  liya  tha.  isi  ke  chalte  Ravan  ne  is  tarah ka  kaam  kiya.
             Ramayana  mein  likha  hua  hai  ki  Ravan   ke  das  sar  the  isliye  unhain  log  Dasanan   bhi  kahte  hain. Yeh  das  sar  dhwani  gyan,  char  vedas aur  chhah  upnishad  ka  symbolic  hai.Ravan  ke  pass  ayurvda  aur  rajnitik   vigyan   ki  bhi  jankari  thi.  Wah '' RAVAN  SAMHITA''  kitab  likhe  jo  ki  hindu  astrology   hai.  Wah   ishwar  se  vardan  kar  liye  the   amar  rahne  ka  aur   apni  nabhi   mein  apani  mirtu  ko  chhupa  liye the.  Ram  ne  ek  shkastishali  vaan  bheja  ye  pata  karne  ke  liye  ki  wah   mirtu  namak  amrit  kahain  chhupa  kar  rakha  hai  aur  uske  baad  Ravan  ki  mirtu  huyee.

              Ekbaar  Ravan  ne  mahan   tapasya  kiya  aur  Brahma  se  vardan  prapt  kiya   ki    wo   kisi  devta  ,  jangali  janbvar  ,  rakshas  aur  maranshil  manav   ke  haathon  nahi  marega.  Is  prakar  se  wo  Ram  ke  haathon  mara   gaya.  Apni  bahubal  shakti   ko  dikhane  ke  liye  aur  wah  shiva  ka  kitna  bada  bhakt  hai  Ravan  ek  baar  Kailash  parvat  ki  choti   ko  hilane  ki  koshish  karta  hai.Lekin   Bhagwan  Shiva  Ravan  ke  is  byabhar   se  naakhush   ho  gaye  aur   apna  pair  ka  angutha   Kailash  par  dava   diya.  Ravan  ka  anguli  usi  mein  dab   gaya  aur  wah  dard  se  karah  gaya   tab   Ravan  ko   apni   gaiti   ka  ehasas  hua   tab  wah  apne  nerves  se  veena   banaya  aur   Shiva  ko  prashann  karne  ke  liye  divine  sangeet  bajane  laga   jisse   Shiva  prashann   hue  aur  use   vardan   diya.   Ravan  ko  ashirvad   ke  rup  mein   devoted  patni  Mandodari  aur  ek  shaktishali  beta  Indrajit   mila.  Kumbhakarana   aur   Vibhishan   unke  do  bhayee  the.  Bhagavat  Purana  ke   anusar  Ravan   aur   uske  bhayee  Kumbhakarna  Vaikuntha  ke  dwarpal  the  Shrap  ke  bajah  se  unlogon  ka  janam  Rakshasa   mein  hua   tha  aur   bad  mein  unhe  shrap  se  mukti  mil  gayee  thi.

Monday, 11 May 2015

What God Gave Me


I  asked  for  Strength.....

and   God  gave  me  difficulties  to  make  me  strong.

I  asked   for  Wisdom.....

and  God  gave  me  problems  to  solve.

I   asked   for  prosperity.....

and  God  gave  me   a  brain  and  brawn  to   work.

I   asked   for  Courage.....

and  God  gave  me  obstacles  to   overcome.

I  asked  for   Love  ......

and  God   gave  me  troubled   people  to  help.

I  asked   for  Favours....
  
and  God   gave  me  opportunities.
'' I  received  nothing  I   wanted....
But  I  received  everything  I  needed.''

Live  life  without  fear,  confront  all  obstacles  and  
know  that  you   can  overcome  them.

AHALYA ,A GREAT WOMAN

Purane   jamane  mein  AHALIYA   nam  ki  ek  pativrata  mahila  thi.  BRAHMA  ne  Ahaliya  nam  ki  bahut khubsurat  aurat  ka  nirman  kiya  tha.  Sabhi  devta  usse  shadi  karna  chahte  the.Brahma  ne  nischay  kiya  kee  jo  bhi  teen  desh  ke  chakkar  laga  ker  aayega  wohi  Ahalya  se  shaadi  karega.  Devon  ke  raja  INDRA   Ahalya  ko  patni  ke  rup  mein  pana  chahte  the  isliye  wo  jaduyi  shakti  se  teeno  desh  ka  chakkar  kam  samay  mein  purn  ker  ke  Brahma  ke  pass  pahunche  aur  Ahalya  ko  dulhan  ke  rup  mein  maang  kiye.

                      Is  bich  mein  Narad  ji  Brahma  ke  pass  aaye  aur  bole  mahan  sant  Gautam  teeno  desh  ka  chakkar  lagaker  Indra  se  pahele  pahunche  hain.  Jab  Brahma  ne  Narad  se  praman  maanga  to  Narad  ne  bataya kee  Gautam  gaay  ki  puja  pratidin  karte  hain  aur  uska  teen  chakkar  teen  bar  lagate  hain  . Narad  ne  ye  bhi  kaha  kee  jab  Gautam  puja  ker  rahe  the  to  mata  gaaya  ne  ek  bachare  ko  janam  diya  tha.  Ved  ke  anusar  jab  koyi  gaaya  ka  chakkar  laga  raha  hota  hai  aur  usi  samay  bachare  ka  janam  hota  hai  to  wo  teen  desh  ka  chakkar  teen  guna  lagane  ke  baraber  hota  hai. Brahma   Narad  ke  baat  se  santusth  hue.  Isliye  Brahma  ne  nischaya  kiya  kee  Gautam  hi  uttam  aadmi  hai  Ahaliya  se  shaadi  karne  ke  liye. Usi  ke  anusar  Sant  Gautam  ki  shaadi  Ahaliya  se  huyi  aur  Brahma  ,  Vishnu  aur  Shiv  ne  aasirvad  diya.  Devraj  Indra  naakhus  hue  aur  unhone  badla  lene  ka  nishchay  kiya.


                  Ahaliya  Gautam  rishi  ke  saath  unke  kuti  mein  rahne  lagi. Ek  din  Indra  ne  subah  mein  murga  ke  rup mein  baang  diya  .  Gautam   ko  viswash  ho  gaya  ki  subah  ho  gayi  .we  uthe  aur  nadi  ke  kinare  nahane  chale  gaye  .Gautam  ke  jane  ke  bad  Indra  ne   rup  badalker   Ahalya  ko  apne baahon  mein  pakerna  chaha  . Lakin  Gautam  apni  budhdhi  se  Indra  ki  chalaki  ko  samajh  gaye  aur  apni  kuti  mein  laut  aaye.Wo  Indra  ko  sharap  diye  ki  uski  kaaya  vichitra  ho  jaye  aur  Ahaliya  ko  sharap  diye  ki  wo  patthar  ki  ban  jaye. Jab  Ahaliya  ne  apne  ko  nirdosh  bataya  to  Gautam  rishi ne  kaha  --tumhara  paap  tabhi  khatam  hoga  jab  Bhagwan  Vishnu  dharti  per  aayange  aur  unka  pair  patthar  ko  chuyega.  Ram  jo  Vishnu  ke  avtar  the  wah  Gautam rishi  ke  kuti  ke  samip  se  Lakshman  aur  guru  Vishwamitra  ke  saath  Mithila  ja  rahe  the  to  unka  pair  patthar  ke  sampark  mein  aaya  aur  Ahaliya  patthar  se  ek  sunder  mahila  ke  rup  mein  pragat  hui.  Gautam  rishi  bhi  wahain  pahunch  gaye  aur  unhone  Bhagwan  Ram  ko  dhanyabad  diya  aur  Ahaliya  ko  apna  liya.Viswamitra  ne  Ram  ko  Ahaliya  ki  kahani  sunayi  aur kaha  tumhara  pair  to  ishwariye  hai  jaise  hi  patthar  ke  sampark  mein  aaya  ek  sundar  mahila  pragat  ho  gayi.Ahaliya  ki  kahani  Ram  ki  gauranvit  shakti  ka  pratik  hai.