घिरी आई रे बदरिया सावन की--2
सावन की मन भावन की
घिरी आई -----
1) सावन में उमग्यो मेरो मनबा -2
भनक सुनी हरि आवन की
घिरी आई ----------
2) नान्हीं - नान्हीं बुँदिया मेघा बरसे -2
शीतल प वन सुहावन की
घिरी आई --------
3) मीरा के प्रभु गिर धर नागर -2
आनंद मंगल गावन की
घिरी आई ---------
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