मैं आरती तेरी गाऊँ वो केश व कुंज बिहारी -2
मैं नितनित शीश न वाऊँ वो मोहन कृष्ण मूरा री -2
मैं आरती तेरी गाऊँ वो केश व कुंज बिहारी
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है तेरी छवि अनोखी ऐसी ना दूजी देखी - 2
तुझ सा ना सुंदर कोई वो मोर मुकुट धार -2
मैं आरती तेरी गाऊँ वो केशव कुंज बिहारी
मैं नितनित शीश नवाऊँ वो मोहन कृष्ण मुरारी
जो आए शरण तिहारी बिपदा मिट जाए सारी -2
हम सब पर कृपा रखना वो जगत के पालन हारी
मैं आरती तेरी गाऊँ वो केशव कुंज बिहारी
मैं नितनित शीश नवाऊँ वो मोहन कृष्ण मुरारी
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