सारे ब्रज में मची है धूम
जनम लियो नन्दलाला ।-3
ग्वाल बजावें ढोल मजीरा नाचत है वृजबाला -3
सारे ब्रज ----------
1) चंदन पलना झूल रहें हैं श्याम यशोदा नंदन
किलकारी भर भर मुसकावत मोह लियो सबके मन -2
नज़र लगे ना लाला को है गाल पर टीका काला -2
सारे ब्रज ----------
2) कौवें झूमे मैना चहके कोयल कुहुक सुनावें
अँगना बीच मयूरा थिर थिर थिरकत कांझ रिझावें -2
ब्रज वासी के नैन पियत हैं श्याम रूप रस प्याला-2
सारे ब्रज ----------
3) स भी देवता वेष बदलकर दर्शन करने आवें
शिव शंकर भी याचक बनकर अपने नैन जुरावें -2
जग पालक जो सत है अनूठा लीला रूप निराला -2
सारे ब्रज ----------