Friday, 31 July 2015

Bhole baba ka bhajan ,Kaashi nagri se aaya hai bhola sankar

लेके गौरा जी को संग हरि गुण गाते हुए
का शी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके……………

हाथ में त्रिशूल लिए भस्म रमाए
झोली गले में डाले गोकुल में आए
पहुँचे नंदा जी के द्वार भोले बोले बारम्बार काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके…………………

नंदी पर सवार होके डमरु बजाते
चले आ रहें हैं भोले हरि गुण गाते
गले में सर्पों के माल ओढ़े ऊपर से मृगछाल
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके……………………

अंदर से यशोदा बोली जाओ जाओ जाओ
भिक्षा तो ले लो पर चले जाओ
डर जाएगा मेरा लाल देखेगा सर्पों का माल
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके………………………

बाहर से बोले बाबा सुनो महारानी
तेरे लला से मेरी प्रीत है पुरानी
मुखड़ा दिखला दो एकबार देखूं कैसा है सुकुमार
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके……………………

अरे सोता है कन्हैया मेरा मैं ना जगाऊँ
तेरी बातों में बाबा हरगिज ना आऊँ
देगा कोई जादूकर मेरा छोटा सा सुकुमार
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके………………………

इतना तो सुनके बाबा हँसे खिलखिलाए
बोले बाबा जी अतना डमरु बजाके
जाके देखो एकबार मोहन आने को तैयार
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके …………………

इतने में आ गये मोहन वंशी बजाते
इन्द्र ब्रह्मा भी जिनका पार ना पाते
वो है वन व्रजवासी अविचल अविनाशी
काशी नगरी से आया है भोला शंकर
लेके ……………………

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[लेके पहला पहला प्यार भरके आँखों में खुमार जादू नगरी से आया है कोई जादूगर]__इस गाने के तर्ज पर यह भजन गाना है।

Tuesday, 28 July 2015

Sawan geet ( kajri)

सावन  के  आयल महिनवा हो
     सखि  गाव  कजरिया
गाव  कजरिया  गाव कजरिया गाव कजरिया
कजरा लगयलस गगनवा हो
    सखि गाव कजरिया
सावन………………

निहुरी निहुरी करे धान के रोपनिया-2ँ
खेतवा के राजा कहे हमही के रनिया -2
केहि धरतीया रतनवा हो
सखि गाव कजरिया-2
सावन………………

दिन भर के थकल मरल घर जब आयल-2
रु ठल पिया के जियरवा रिझायल -2
सेजिया अगौरी नयनवा हो
सखि गाव कजरिया-2
सावन……………

Monday, 27 July 2015

Shiv bhajan

काले  के शिव  के मनाएब हो
शिव   मानत  नाही -  2
 
1)  पुरी   कचौरी  शिव  के मनहु ना भावे -2
  भाँग  धतुरा कहाँ  पायब हो
  शिव मानत नाही
काले के शिव के मनाएब हो…………

2)  आजन बाजन शिव के मनहु ना भावे-2
   डमरु  के डम डम कहाँ पायब हो
शिव  मानत नाही
काले के शिव के मनाएब हो……………

3)  पीत पीताम्बर शिव के  मनहु  ना भावे-2
बाघ  के छाला कहाँ पायब हो
शिव मानत नाही
काले के शिव के मनाएब हो……………

4)   घोड़ा    और  गाड़ी  शिव के मनहु ना भावे -2
  बसहा बैल   कहाँ पायब हो
शिव  मानत नाही
काले के  शिव के मनाएब हो……………

5)   फ़ूलों  के   माला    शिव के मनहु ना भावे

  सर्पों  के  माल    कहाँ   पायब  हो  

शिव  मानत  नाही

  काले  के  शिव  के  मनाएब  हो……………

  

Friday, 24 July 2015

Bed Sheet

  Cotton dubble bed sheet  per kadhyi karne ke liye  ek dubble bed sheet le lein.  Usper carbon  rakhker  design  chaap lein .Anchor  dhaga  se kadhyi shuru  karein. Peacock banane ke liye blue,  firogi, yellow ,  green  aur black colour  lena hai. Peacock banane ke bad charo corner per flower design chaapker bana lein.

Thursday, 2 July 2015

Kadhayi- for beginners

Samagri  - niddle, carbon, kadhyi ka dhaga, kadhyiwala frame.

Agar aap new beginner  hain to

sabse pahle  cloth  per  carbon rakh   ker design  chap lein. Next cloth per frame  lagaker  stich shuru  karein.
     Photo  ke anusar    flower  ko long and short stich se,  leaf ko saton stich se aur  danthal ko  chain stich se banayein.
   Chain  stich  banane  ke liye  niddle  mein  dhaga  daalein .  Niddle  ko  cloth  mein dalker upar nikalein aur  usper aage  se  dhaga  dalker  bahar nikalein. Banane ke liye photo dekhein.